यह सब जन व्यक्ति खुद में बिजी रहत है। यह सब जन व्यक्ति खुद में बिजी रहत है।
तन के मैल को खूब मला तूने, मन का मैल न धो पाया! तन के मैल को खूब मला तूने, मन का मैल न धो पाया!
खतरे में पड़ा है देखो आज मेरा वजूद बैठा है फिर भी मानव तू क्यूँ आँखें मूंद खतरे में पड़ा है देखो आज मेरा वजूद बैठा है फिर भी मानव तू क्यूँ आँखें ...
तुम्हें चाहा था अपनी जान की तरह मैंने सांसों मेंं तुम ही समाय थे। तुम्हें चाहा था अपनी जान की तरह मैंने सांसों मेंं तुम ही समाय थे।
गुंजायमान है यह गगन, दिल भी है अब मगन। आओ घुल मिल जाए मन, जागे भारत का हर जन जन। गुंजायमान है यह गगन, दिल भी है अब मगन। आओ घुल मिल जाए मन, जागे भारत का हर जन...
इबादत मेरा जुनून इबादत मेरा जुनून